पुत्र, पति और पिता – Dude to Dad – Life is an Art of Balance – Wedding Anniversary Special

दोस्तों ये जो रिश्तों का बंधन है, अपने आप में विचित्र है, ये हसास और भावनाओं का मेलजोल है और इस बंधन का संतुलन बनाना जो सीख जाए उसका जीवन धन्य है

जीवन का कटु सत्य यह है कि कुछ लोग इस संतुलन को जल्दी बना लेते है, कुछ काफ़ी समय बाद और कुछ कभी नहीं बना पाते।

हम सभी नारी सम्मान और नारी उत्थान पर बहुत समय से सुनते और पढ़ते रहे है, देश आगे बढ़ रहा है और हर्ष की बात है कि नारियों को अब उनका पूरा हक़ मिल रहा है, परंतु पुरुष का योगदान जो रिश्ते, समाज, ग्रहस्थी बनाने और निभाने में है उसको भी हमें सराहना चाहिए, ये कहना अगर सही है कि नारी सहनशीलता का दूसरा नाम है तो पुरुष भी क़ुर्बांनियों का जीता जागता उदाहरण है

आज हम बात कर रहे हैं ख़ास रिश्तों की जो हर घर की बुनियाद होते हैं, पुत्र, पति और पिता, इंसान एक और ज़िम्मेदारियाँ अनेक और इन ज़िम्मेदारियों में सामंजस्य बैठाना ही सुखी विवाहित और पारिवारिक जीवन की कुंजी है, हमको शांत मन से सिर्फ़ कुछ बातों का ख़्याल रखना है

पुत्र धर्म :

माता और पिता ने जो धैर्य हमें पालने और पोसने में दिखाया वही धैर्य हमें उनके साथ व्यवहार और उनकी देखभाल में दिखाना है, मान लीजिए तब हम बच्चे थे और आज कई बातों में उनका बचपना भी लाज़मी है बचपन में हमारी कितनी ही नादानियों को हमारे माता पिता ने सुधारा और नज़रंदाज़ किया और आज उनके जीवन के इस पड़ाव में उनकी हर सम्भव मदद करना हमारा कर्तव्य है क्यों कि उनका हम पर वो ऋण है जिससे हम कभी उऋण नहीं हो सकते, माता पिता से तर्क करिए पर शालीनता और सम्मान के साथ, ये समय का चक्र है मित्रों, आज उनका कल हमारा होगा भविष्य में किसके क्या लिखा है ये किसी को नहीं पता परंतु इतना तो मेरा विश्वास है की जिसने अपने माता पिता का ख़्याल रखा उनको सुख की अनुभूति करायी उसको दुआओं की कभी कोई कमी नहीं होगी और उसका कठिन समय भी सरलता से गुज़र जाएगा

पति धर्म :

एक पुत्र होने के बाद जब आप पति बनते है तो मान लीजिये कि आपकी दुनिया बिल्कुल बदल जाती है, आप पर हक़ जताने का अधिकार विवाहोपरांत अब आपकी पत्नी को भी प्राप्त हो जाता है आपकी पत्नी कितनी ही पढ़ी लिखी हो, कितना ही अच्छे परिवेश में पली हो परंतु वो आपके घर के माहौल से तो वाक़िफ़ नहीं हो सकती, लिहाज़ा आपकी ज़िम्मेदारी है की आपकी पत्नी घर के किसी भी सदस्य के बारे में अपनी राय बनाने से पहले सबको आपके नज़रिये से जान ले, यहाँ आपने देरी की तो ग़लत राय और गलतफहमियों का दौर यहीं से शुरू हो जाएगा, यही ज़िम्मेदारी आपको अपने परिवार से दूसरे सदस्यों के साथ भी निभानी है, अर्थात् अपनी पत्नी के सदव्यवहार और आचरण का भी आपको प्रवक्ता बनना है, ऊपर से अगर आपने प्रेम विवाह किया है तो सारी ज़िम्मेदारी आपकी ही है

सावधान मित्रों, आपसी समझदारी, व्यवहारकुशलता और रिश्तों में संतुलन बनाने के ये वो चंद महीने हैं जो आपके जीवन में आने वाले स्वर्गीय और नारक़ीय  पलों का निर्धारण करेंगे

आपकी पत्नी अपना सब कुछ छोड़ कर एक नये माहौल में आयी हैं और यहाँ आप ही उनके सबसे बड़े मित्र और मार्गदर्शक हैं, अपनी पत्नी के जज़्बात परिवार के साथ और परिवार के जज़्बात अपनी पत्नी के साथ, इन जज़्बातों का सही और संतुलित आदान प्रदान शुरू के कुछ महीनों में अगर आपने कर लिया तो आपका स्वर्ग आपकी पत्नी और परिवार के साथ आपको यहीं प्राप्त हो जाएगा

माता और पत्नी में से किसको चुनना है इस चक्कर में कभी मत फँसिएगा क्यों कि अगर पत्नी को चुना तो आप आजीवन कभी मन से खुश नहीं रह पायेंगे और अगर माता को चुना तो ग्रहस्थी नहीं चला पाएँगे, माता आपको इस दुनियाँ में लायीं तो पहला हक़ उनका और पत्नी बाद में आयी तो दूसरा हक़ उनका, परंतु आपकी पत्नी को समझना है कि यहाँ पहले और दूसरे हक़ में बराबरी की बात नहीं है, बात है सिर्फ़ प्यार और सम्मान की

एक बात में दिल से कहना चाहता हूँ कि आपकी पत्नी को ये बात समझनी है और आपको अपने व्यवहार से समझानी है कि जो इंसान अपने माता पिता और परिवार से इतना प्यार करता है वो अपनी पत्नी और बच्चों से कितना प्यार करेगा, यहाँ प्यार बाँटना नहीं बढ़ाना है

साथ ही आपको भी ये बात समझनी है कि जो सम्मान और व्यवहार आप अपनी पत्नी से अपने माता पिता और परिवार के लिए चाहते हैं, वही सम्मान और व्यवहार की मिसाल आपको अपनी पत्नी के माता पिता और परिवार के साथ पेश करनी होगी और अगर आप दोनों ये जज़्बातों का आदान प्रदान दिल से कर पाए तो आप दोनों को दो परिवारों का भरपूर प्यार और सम्मान मिलेगा

एक बात और नए रिश्ते में अगर छोटी बातों और छोटी ख़ुशियों का ख़्याल रखेंगे तो बाद में बड़ी बड़ी गलतफहमियाँ भी नज़रंदाज़ हो जाएँगी और आपका रिश्ता ताउम्र मज़बूत रहेगा

पिता धर्म :

इस पर ज़्यादा ज्ञान तो नहीं दे पाऊँगा परंतु जैसा अपने पिता जी को हमारी परवरिश करते देखा है वही संस्कार अपने बच्चों को देने की कोशिश जारी है, इतना ज़रूर पता है कि बच्चे बताने, सिखाने से कम और देखकर ज़्यादा सीखते हैं, आपके घर में कैसा माहौल है, आपस में कैसा व्यवहार है, एक दूसरे के प्रति कितना प्यार और सम्मान है, ये सब आपके बच्चे खुद देखकर सीख रहे हैं, और आपके माता पिता के साथ आपका कैसा व्यवहार है, वही व्यवहार वो आपके प्रति अपना रहे हैं बच्चों को अच्छी शिक्षा तो आप बड़े से बड़े स्कूल में दिला सकते हैं पर व्यवहारकुशलता और बड़ों के प्रति सम्मान वो आपको देखकर ही सीखेंगे

आज मेरी शादी की १४ वीं (14th) सालगिरह है और मेरी पत्नी के साथ दोस्ती को २० (20) वर्ष हो गए, हमने अपने जीवन में सारे ऊतारचढ़ाव साथ मिलकर बड़े क़रीब से देखे हैं, मैंने अपने जीवन में भगवान, मेरे परिवार, बुजुर्गों और अपने चाहने वालों के आशीर्वाद से बहुत कुछ पाया है और मैं तहेदिल से सबका शुक्रगुज़ार हूँ

मैं मानता हूँ कि मैंने अपने जीवन में कई ग़लतियाँ भी की हैं परंतु देर से ही सही, हर गलती से सबक़ लिया और कुछ ना कुछ सीखा है, इसलिए आज समय जैसा भी है, जीवन में प्यार है, परिवार है और ठहराव है

समय अनमोल है और समय का चक्र सब कुछ दिखाता है, विनम्र रहकर कार्य करते रहिए, प्यार करते रहिए, राह आज नहीं तो कल, मिलेगी ज़रूर

आज बड़े दिनों बाद अपने ब्लॉग के लिए कुछ लिखा है, ये शब्द मेरी पत्नी भारती और परिवार के प्यार को समर्पित हैं, आशा है आप दिल से दिल की बात समझेंगे

आपका मोहित #mohit24x7 #YeJindgiNaMilegi2obara
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