डेंगू चिकनगुनिया की चपेट में एनसीआर,
बदहाली फैल रही, आम आदमी है लाचार ।
राजनेता कर रहे चर्चा, कुछ हो गये फरार,
चैनलों पर देख लो वही आरोप प्रत्यारोपों की बहार ।
कोई नहीं समझ रहा आम आदमी का दर्द,
सब हो गये लापता जो बन रहे थे मर्द ।।
“उपरोक्त मर्म आम जनता को ठगने वाले राजनीतिक ठेकेदारों के कुशासन पर तंज है ।”