POSITIVE PARENTING – Future in making

मैंने पवन गुरूजी जी का संल्गन लेख पढ़कर कुछ कमियाँ अपने अंदर पायीं हैं और मैं उनको सुधारूंगा … आप भी जरूर पढ़िये, अगर आपको कोई कमी न मिले तो आप वाकई में अच्छे अभिभावक साबित हो रहे हैं और बधाई के पात्र हैं ।

  
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम इतने व्यस्त हैं कि कभी कभी चाहकर भी बच्चों की तरफ पूरा ध्यान नहीं दे पाते, बच्चों के मन की बात न समझना, उनकी शिकायतों पर बिना सोचे समझे रिएक्शन देना, हर ख्वाहिश आसानी से पूरा करना, उनके झूठ को उनकी उपलब्धि या बालपन बताना । 

स्कूल या ट्यूशन में बच्चे की परफॉरमेंस के लिये पूरी तरह से टीचर को जिम्मेदार ठहराना, बच्चों की जिद के आगे हमेशा मान जाना, दुसरे बच्चों से होड़ कराना, मॉर्डन बनने के नाम पर बच्चों को देर रात तक अकेले घूमने देना, अपने परम मित्रों द्वारा बच्चों के बारे मे दी गई सलाह को नजरंदाज करना, ये सब हम शायद इसलिये भी करते हैं ताकि हमसे अच्छी परवरिश हमारे बच्चों को मिले या जो सुविधा हमें नहीं मिली वो इन्हे मिले, पर हम पैसे के आगे ये भूल जाते हैं कि पैसा बच्चों को साधन तो दे सकता है पर अच्छे संस्कार नहीं । 

इनका कोमल बचपन जिस राह को सही समझेगा उसी ओर बढ़ जायेगा, आईये इनकी राह को सही दिशा देने की कोशिश करें, बाकी फल तो ऊपर वाले के हाथ में है ।

धन्यवाद ।

मोहित कुमार शर्मा

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